Wednesday, January 14, 2015

केक , कॉफ़ी , चॉकलेट और बेकरी सामान में मिलावट - Detection of Adulteration in Cake, Coffee, Chocolate and Bakery Products


केक , कॉफ़ी , चॉकलेट और बेकरी सामान में मिले हुए अरारोट (starch ) की पहचान : 
Cake

Detection of Cereal Starch as adulterant in Coffee & Chocolate powder: 


  • लगभग १/४ चम्मच सैंपल एक परखनली में ले। 
  • उसमे 3 मिलीलीटर पानी डाले।
  • एक दुआ रहित आग से गरम करे, रंग आने तक। 
  • लगभग 33 मिलीलीटर पोटैशियम-परमैग्नेट और मुरिएटिक एसिड (१:१) रेश्यो में डाले , जिससे रंग चला जायेगा। 
  • फिर उसमे १ % आयोडीन सोलुशन डाले , अगर नीला रंग बने तो उसमे स्टार्च मिला हुआ है।
 चिकोरी की मिलावट कॉफ़ी और चॉकलेट पाउडर में:
 Detection of Chicory in Coffee & Chocolate Powder:

  • जब हम कॉफ़ी या चॉकलेट पाउडर को एक गिलास पानी में छिड़के तो कॉफ़ी और चॉकलेट पाउडर पानी के ऊपर तैरेंगे लेकिन चिकोरी निचे बैठ जाएगी। 
  • चिकोरी पाउडर निचे बैठते समय एक रंग छोड़ती है ज्यादा कारमेल होने के कारण। 
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Monday, January 12, 2015

देशी अण्डे के नाम पर ठगी , पहचाने कैसे ? कैसे बनता है केमिकल एग ?

How to Identify Pure Country eggs,(Desi Anda), Broiler egg and Chemical egg:

अपने देश में तीन तरह के अण्डे मिलते है। 

Adulterated Eggs


    • देशी अण्डा - प्रोटीन से भरा हुआ होता है , अण्डा आकर में छोटा और हल्के लाल रंग का होता है, कुछ सफ़ेद भी होते है लेकिन छोटे ही रहते है , जो की भारत के गाँवो में और छोटे क़स्बे में मिल जाता है। ज्यादा तर लोग इसे अपने प्रयोग के लिए ही मुर्गी को पालते है। लेकिन आज- कल बॉयलर अण्डे को चाय से रंग कर शहरों के मॉल और सुपर मार्किट में बेचते है देशी अण्डा बता के, जो महंगा होता है। 
    • देसी अण्डा पहचानने का तरीका - चाय की पत्ती से रंगे गये अण्डे को जब आप उबालेंगे तो चाय की पत्ती का रंग निकलकर पानी में आने लगता है जिससे पानी का रंग हल्के चाय की पत्ती की तरह दिखाई देता है। 
    • बायलर या हाइब्रिड चिकन अण्डा - ये अण्डे मुर्गीयो को हॉर्मोन्स के इन्जेक्शन लगा के पैदा किये जाते है, इसमें मुर्गे का कोई योगदान नहीं होता, इन अण्डो को चाय की पत्ती से रंग के देशी अण्डे की भाँति दिखाया जाता है। 
    • केमिकल एग - ये चीन के बने हुए अण्डे होते है जिसकी बाहरी खोल (shell ) कैल्शियम कार्बोनेट की बनी होती है, अण्डे की जर्दी और अण्डे की सफ़ेदी सोडियम एल्गिनेट (sodium alginate), एलम (Alum), जेलेटिन (gelatin), कैल्शियम क्लोराइड (eatable calcium chloride), रंग (color) से बनी होती है। 
    • केमिकल एग  और ब्रायलर अण्डे की पहचान :
    • केमिकल एग हल्का चमकीला होता है, ब्रायलर अण्डे की तुलना में। 
    • केमिकल एग की सतह खुरदुरी होती है।  
    • केमिकल एग को हिलाने पर आवाज आती है। 
    • ब्रायलर एग की महक कच्चे मांस की तरह आती है।  
    • जब हम केमिकल एग को फ्राई करते है तो जर्दी बिना फैलाये ही अपने आप फ़ैल जाती है। 
    मिलावट का कारण : बस केवल ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए व्यापारी अपने ही देश वासियो की सेहत के साथ खेल रहे है। 
    स्वास्थ हानि : केमिकल एग खाने से, शरीर के अंदर ज़हरीले तत्व बनते है जिससे ढेर सारी बीमारिया हो सकती है।  
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    इससे सम्बंधित समाचार ---------
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    Unscrupulous traders alter broiler eggs to make money

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    Broiler eggs, which are being altered into desi eggs by changing its colour.
    Broiler eggs, which are being altered into desi eggs by changing its colour.
    Staff Reporter
    BERHAMPUR: Small broiler eggs are being altered to look like country chicken eggs by the unscrupulous traders to bank on the popular belief that country eggs are more nutritious than the broiler eggs.
    However, the medical fraternity say that the broiler eggs are in not inferior to the country chicken eggs, which are locally known as ‘desi eggs’.
    But for decades people have the wrong notion that the small ‘desi eggs’ provide more energy with its high protein content.
    As the sale of ‘desi eggs’ is quite less than its actual demand, the traders have come out with devious methods to cheat the gullible customers. In fact it is quite easy to get broiler eggs altered into desi eggs.
    They collect small eggs discarded out of broiler egg crates. Egg traders sell it off for a small price. Later, the outer shells of the small eggs are given a brown-pinkish colour to look like the desi eggs. This magic is done by the tea leaves. The eggs are rolled in luke warm water in which tea leaves have been boiled. After changing the colour the small eggs are being sold at Rs. 3.50 to Rs. 5 per per egg. Paediatricians like T. Prakash Rao clarifies that the children should be given broiler eggs that are produced in farms rather than the desi ones as broiler eggs have more protein content due to large white portion.
    Whereas the small eggs laid by country chickens have large yolk and high fat and cholesterol content. Moreover, the eggs of country chickens might be laid at unhygienic places, leading to contamination in their outer shell with ‘Salmonella’ bacteria and other spoilage organisms. The contamination of the outer shells of the eggs laid by the country chicken might lead to gastro-enteritis if the eggs were not washed properly.
    Physicians say that contrary to the belief that raw eggs are good for health, children should never consume raw eggs one can not digest such eggs properly.

    अनपॉलिशड Rice और पोलिश Rice में अंतर , जाने - कौन सा चावल बेहतर होता है

    Difference between polished and Unpolished Rice, Which one is better for Us:
    Whole Rice L.S section


    • खेत से धान निकलने के बाद उसकी ऊपर वाली परत हटायी जाती है, तब तक तो चावल को अनपॉलिशड माना जाता है। लेकिन चावल को आकर्षित और अच्छी क्वालिटी का दिखाने के लिए उसे रगड़ कर चमकाया जाता है, जिसे पोलिश चावल कहते है।  
    • चावल को चमकाने की प्रक्रिया दौरान ऊपरी परत में मौजूद विटामिन बी 1 , विटामिन बी 2 , आयरन , मैग्नीशियम और सबसे महत्वपूर्ण डाइटरी मिनरल नष्ट हो जाते है। और जिससे हमारी शरीर को चावल का पूर्ण न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता। 
    • इसलिए  अनपॉलिशड चावल , पॉलिशड चावल से  बेहतर होता है। 






    Saturday, January 10, 2015

    बासमती चावल में मिलावट या नकली बासमती चावल की पहचान घर पर

    Identification of fake Basmati Rice and admixture of Basmati Rice


    • बासमती का संधिविच्छेद बास = सुगंध , मती = भरा होना 
    • सुगंध से भरा होना = बासमती 
    • बासमती ही एकमात्र ऐसा चावल है जो पकाने के बाद अपनी लम्बाई का दोगुना हो जाता है या उससे भी ज्यादा लम्बा  और उसकी खुसबू सारे चावलों से अच्छी होती है। 
    • बासमती का स्वाद मीठा होता है। 
    • बासमती चावल कुछ पारदर्शी होता है और तलवार की तरह चमक होती है। 
    • अगर आप स्केल से नापे तो इसकी एवरेज लम्बाई 6.2 mm से 8.9 mm और चौड़ाई 1. 6 mm से 1.9 mm होता है। 
    Identification of Pure Basmati Rice

    मिलावट का कारण : प्योर बासमती की खेती प्रति एकर बहोत कम होती है जिससे व्यापारी को नुक्सान होता है। उसे पूरा करने के लिए व्यापारी उसमे सस्ते चावल मिलाते है। 

    हानि : कम क्वालिटी के चावल की मिलावट की वजह से ना आप को वो स्वाद मिल पाता है ना ही पोसक तत्व। 

    असली दालचीनी की पहचान और उसमें मिले हुए चीन के दालचीनी से स्वाश्थ हानि

    Identification of Pure Cinnamon Zeylanicum and health effect of Cassia bark (Chinese Cinnamon) as adulterant
    • दालचीनी की छाल पतली और बेलनकार होती है। जोकि पेंसिल या पेन के चारो तरफ लपेटी जा सकती है। जबकि कैसिया बार्क कठोर और आसानी से नहीं टूटने वाला होता है। 
    • दालचीनी की छाल आसानी से टूट जाती है जबकि कैसिया बार्क में ज्यादा ताकत लगता है। 
    • दालचीनी हल्के भूरे रंग का होता है जबकि कैसिया बार्क गाड़े लाल रंग का होता है। 
    • दालचीनी में तेज़ खुसबू आती है और कैसिया बार्क में हल्की। 

    Identification of Cinnamon Zeylanicum & Cassia bark

    स्वास्थ पर प्रभाव : कैसिया बार्क यानी चीन के दालचीनी में कौमारिन (Coumarin) की मात्रा ज्यादा होती है जिससे Liver पर प्रभाव पड़ता है। 

    मिलावट का कारण : चीन की दालचीनी सस्ती मिलती है जिससे व्यापारी को ज्यादा फायदा मिलता है। 

    Friday, January 09, 2015

    चीनी में चाक पाउडर की जांच और चाक पाउडर के दुष्प्रभाव

    Detection of chalk powder as adulterant in Sugar granules 


    • लगभग 10 ग्राम चीनी एक गिलास पानी में घोले। 
    • और उसे 10 मिनट तक स्थिर होने के लिए छोड़ दे। 
    • फिर देखें मिला हुआ चाक पाउडर नीचे  जम जायेगा। 

    मिलाने का उदेश्य : चाक पाउडर मिलाने से चीनी  की मात्रा ज्यादा हो जाती है जिससे व्यापारियों को ज्यादा लाभ मिलता है। 

    दुष्प्रभाव : पथरी होना, पेट ख़राब होना। 

    MILAWAT-मिलावट-ADULTERATION-POISON: मिलावटी हींग की पहचान

    MILAWAT-मिलावट-ADULTERATION-POISON: मिलावटी हींग की पहचान: Detection of Foreign Resin in Asafoetida  मिलावट का कारण : व्यापारी ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए हींग में हींग जैसी ही दूसरी रेज़िन, गम अरब...

    मिलावटी हींग की पहचान


    Detection of Foreign Resin in Asafoetida 

    मिलावट का कारण : व्यापारी ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए हींग में हींग जैसी ही दूसरी रेज़िन, गम अरबिक, चाक, आटा, सोप स्टोन या स्टार्च मिला देते है। 

    स्वास्थ पर प्रभाव : हींग में मिलाया गया दूसरा रेज़िन जहरीला हो सकता है।

    प्रयोग : 

    • एक चम्मच में हींग ले 
    • फिर उस हींग को जलाये। 
    • यदि हींग कपूर की भांति जलता है तो हींग 100 %शुद्ध हैं यदि नहीं जलता हैं तो इसका मतलब हींग शुद्ध नहीं है। उसमें आटा या कुछ और मिला हुआ हैं। 

    Asafoetida (हींग )


    Wednesday, January 07, 2015

    चाय की पत्ती में लोहे के टुकड़े की मिलावट की पहचान और अलग करने का तरीका

    Detection of Iron filling in Tea and Their Health Effect

    मिलावट का कारण  : लोहे के दुकड़े को कोई मिलाता नहीं लेकिन लापरवाही की वजह से उसमें मिल जाते है। 
    ज्यादा तर लोहे का टुकड़ा चाय की पत्ती बनाते समय मशीन से आ जाती है जिन्हे फिर बाद में अलग नहीं किया जाता , मजदूरी बचाने के लिए। 

    दुष्प्रभाव : कैंसर , दिल की बीमारी और पथरी। 



    Iron Separation technique
    प्रयोग : 
    Separation of Iron particle at Home
    • लगभग 10 ग्राम चाय की पत्ती किसी पेपर में फैला दे। 
    • फिर पूरे चाय की पत्ती के ऊपर चुम्बक घुमाये। 
    • यदि कुछ मात्रा ( लगभग 0.1 मिलीग्राम से कम) में आयरन के टुकड़े चुम्मक में आते हैं तो पूरी पैकेट से आयरन के टुकड़े अलग कर ले। 
    • और चाय को प्रयोग में लाये। 
    • अगर ज्यादा आये तो चाय की पत्ती जहाँ से लाये थे उससे शिकायत करें या कंपनी के पैकेट पर दिए कस्टमर केयर पर फ़ोन करके शिकायत करें। 

    गुणकारी हल्दी कैसे बनती है जहर


    Detection of chalk powder in Turmeric Powder and their Health Effect
       हल्दी में चाक पाउडर की मिलावट की जांच और उसके दुष्प्रभाव

    मिलाने का उदेश्य : चाक पाउडर मिलाने से हल्दी की मात्रा ज्यादा हो जाती है जिससे व्यापारियों को ज्यादा लाभ मिलता है। 

    दुष्प्रभाव : पथरी होना, पेट ख़राब होना। 

    चाक पाउडर की मिलावट हल्दी में 
    • एक चम्मच हल्दी पाउडर  लगभग 25 मिली ०  पानी में डाले। 
    • यदि उसमें से बुलबुले निकले तो उसमे चाक पाउडर मिला। 

    Tuesday, January 06, 2015

    खड़े हल्दी में लेड क्रोमैट की पहचान और दुष्प्रभाव

    Detection of Lead (II) Chromate in Whole Turmeric:

    मिलावट का उदेश्य : व्यापारी हल्दी को ज्यादा चमकीला और अच्छी क्वालिटी का दिखाने  के  लिए लेड क्रोमेट की मिलावट करते है।  दुष्प्रभाव : कैंसर , शरीर में जहर बनना , जनन छमता में कमी , हृदय विकार , त्वचा रोग। 

    प्रयोग : 


    • एक गिलास पानी में खड़ी हल्दी डाले।
    • हल्दी डालते ही पानी का रंग पिला हो जाता है। 
    • तो उसमे लेड क्रोमैट मिला हुआ है। 



    Monday, January 05, 2015

    रंगे हुये बुरादे की मिलावट की जाँच हल्दी पाउडर में और दुष्प्रभाव

    Detection of Saw dust as Adulterant in Turmeric Powder:

    दुष्प्रभाव : व्यापारी ज्यादा मुनाफे के लिए रंगे हुए बुरादे की मिलावट हल्दी पाउडर में कर देते है। जिससे 
    • कैंसर हो सकता है (Carcinogenic)

    प्रयोग (Experiment) : 
    • एक पूरा चम्मच हल्दी पाउडर एक परखनली में डाले। 
    • फिर उसमे उतना ही कॉन्सेंट्रेटेड हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Concentrated HCL) डाले। 
    • यदि गुलाबी रंग आये तो उसमें पानी डाले , पानी डालने पर भी यदि गुलाबी  रंग बना रहा तो इसका मतलब है की हल्दी पाउडर में रंगा हुआ बुरादा मिला है। 

    Sunday, January 04, 2015

    Milawat kya hai- मिलावट क्या है - About Adulteration

    परिचय (Introduction): 

    सामान(प्रोडक्ट)में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए व्यापारी कुछ ऐसे सस्ते तत्वों का मिलावट करते है जो हमारी सेहत के लिए काफी नुकसान दायक होते है। जिन मिलावटी तत्वों से कैंसर,दिमाग की बिमारी ,नर्व तंत्र ख़राब होना,नपुंसकता,त्वचा रोग,एलर्जी,नवजात बच्चो की मृत्यु और महामारी जैसी घातक बीमारिया हो जाती है। कभी कभी घातक मिलावटी तत्व खेत से ही मिले हुए आ जाते और व्यापारी उसको अलग नहीं करवाते, मेहनताना बचने के लिए। 
    भारत में 52 % बीमारी मिलावटी तत्वों और कंटैमिनेशन की वजह से होता है जिसमे कीटनासक और मेटल से भी होने वाली बीमारियां शामिल होती है.

    खेसरी दाल के खाने से